भजन संहिता 60:1-12

भजन संहिता 60:1-12 HINOVBSI

हे परमेश्‍वर, तू ने हम को त्याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हम को ज्यों का त्यों कर दे। तू ने भूमि को कँपाया और फाड़ डाला है; उसकी दरारों को भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है। तू ने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लडखड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है। तू ने अपने डरवैयों को झण्डा दिया है, कि वह सच्‍चाई के कारण फहराया जाए। (सेला) तू अपने दाहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ। परमेश्‍वर पवित्रता के साथ बोला है, “मैं प्रफुल्‍लित हूँगा; मैं शकेम को बाँट लूँगा, और सुक्‍कोत की तराई को नपवाऊँगा। गिलाद मेरा है, मनश्शे भी मेरा है; और एप्रैम मेरे सिर का टोप, यहूदा मेरा राजदण्ड है। मोआब मेरे धोने का पात्र है; मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूँगा; हे पलिश्तीन, मेरे ही कारण जयजयकार कर।” मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा? एदोम तक मेरी अगुवाई किसने की है? हे परमेश्‍वर, क्या तू ने हम को त्याग नहीं दिया? हे परमेश्‍वर, तू हमारी सेना के साथ नहीं जाता। शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कर, क्योंकि मनुष्य का किया हुआ छुटकारा व्यर्थ होता है। परमेश्‍वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे, क्योंकि हमारे शत्रुओं को वही रौंदेगा।