भजन संहिता 55:13-23

भजन संहिता 55:13-23 HINOVBSI

परन्तु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनुष्य मेरा परममित्र और मेरी जान पहचान का था। हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्‍वर के भवन को जाते थे। उनको मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएँ; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयाँ और उत्पात भरा है। परन्तु मैं तो परमेश्‍वर को पुकारूँगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा। साँझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूँगा और कराहता रहूँगा, और वह मेरा शब्द सुन लेगा। जो लड़ाई मेरे विरुद्ध मची थी उससे उसने मुझे कुशल के साथ बचा लिया है। उन्होंने तो बहुतों को संग लेकर मेरा सामना किया था। परमेश्‍वर जो आदि से विराजमान है, यह सुनकर उनको उत्तर देगा। (सेला) ये वे हैं जिनमें कोई परिवर्तन नहीं, और उनमें परमेश्‍वर का भय है ही नहीं। उसने अपने मेल रखनेवालों पर भी हाथ छोड़ा है, उसने अपनी वाचा को तोड़ दिया है। उसके मुँह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थीं परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं। अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा। परन्तु हे परमेश्‍वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूँगा।