भजन संहिता 39:5
भजन संहिता 39:5 HINOVBSI
देख, तू ने मेरी आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे भी स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं। (सेला)
देख, तू ने मेरी आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे भी स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं। (सेला)