भजन संहिता 37:23-40

भजन संहिता 37:23-40 HINOVBSI

मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है। मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूँ; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े माँगते देखा है। वह तो दिन भर अनुग्रह कर करके ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है। बुराई को छोड़ और भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा। क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्‍तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्‍टों का वंश काट डाला जाएगा। धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे। धर्मी अपने मुँह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है। उसके परमेश्‍वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते। दुष्‍ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसे मार डालने का यत्न करता है। यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए, तब वह उसे दोषी न ठहराएगा। यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्‍ट काट डाले जाएँगे, तब तू देखेगा। मैं ने दुष्‍ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुआ देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है। परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहाँ है ही नहीं; और मैं ने भी उसे ढूँढ़ा, परन्तु कहीं न पाया। खरे मनुष्य पर दृष्‍टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहनेवाले पुरुष का अन्तफल अच्छा है। परन्तु अपराधी एक साथ नष्‍ट किए जाएँगे; दुष्‍टों का अन्तफल सर्वनाश है। धर्मियों की मुक्‍ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है। यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्‍टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उसमें शरण ली है।

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