भजन संहिता 30:1-5

भजन संहिता 30:1-5 HINOVBSI

हे यहोवा, मैं तुझे सराहूँगा क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया। हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है। हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और क़ब्र में पड़ने से बचाया है। हे यहोवा के भक्‍तो, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो। क्योंकि उसका क्रोध तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुँचेगा।

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