भजन संहिता 139:13-17

भजन संहिता 139:13-17 HINOVBSI

मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्‍चर्य के हैं, और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ। जब मैं गुप्‍त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हड्डियाँ तुझ से छिपी न थीं। तेरी आँखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे। मेरे लिये तो हे परमेश्‍वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है!

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