भजन संहिता 107:33-43

भजन संहिता 107:33-43 HINOVBSI

वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहाँ के रहनेवालों की दुष्‍टता के कारण होता है। वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। और वहाँ वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; और खेती करें, और दाख की बारियाँ लगाएँ, और भाँति भाँति के फल उपजा लें। वह उनको ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता। फिर अन्धेर, विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं; और वह हाकिमों को अपमान से लादकर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है; वह दरिद्रों को दु:ख से छुड़ाकर ऊँचे पर रखता है, और उनको भेड़ों के झुण्ड सा परिवार देता है। सीधे लोग देखकर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुँह बन्द करते हैं। जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करुणा के कामों पर ध्यान करेगा।