भजन संहिता 103:1-14

भजन संहिता 103:1-14 HINOVBSI

हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, वही तो तेरे प्राण को नष्‍ट होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करुणा और दया का मुकुट बाँधता है, वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्‍त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है। यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है। वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊँचा है, वैसे ही उसकी करुणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। क्योंकि वह हमारी सृष्‍टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।

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