मैं ने तुझ से दो वर माँगे हैं, इसलिये मेरे मरने से पहले उन्हें मुझे देने से मुँह न मोड़, अर्थात् व्यर्थ और झूठी बात मुझ से दूर रख; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना; प्रतिदिन की रोटी मुझे खिलाया कर। ऐसा न हो कि जब मेरा पेट भर जाए, तब मैं इन्कार करके कहूँ कि यहोवा कौन है? या अपना भाग खोकर चोरी करूँ, और अपने परमेश्वर का नाम अनुचित रीति से लूँ।
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