नीतिवचन 22:14-29

नीतिवचन 22:14-29 HINOVBSI

पराई स्त्रियों का मुँह गहिरा गड़हा है; जिस से यहोवा क्रोधित होता, वही उस में गिरता है। लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु अनुशासन की छड़ी के द्वारा वह खोलकर उस से दूर की जाती है। जो अपने लाभ के निमित्त कंगाल पर अन्धेर करता है, और जो धनी को भेंट देता, वे दोनों केवल हानि ही उठाते हैं। कान लगाकर बुद्धिमानों के वचन सुन, और मेरी ज्ञान की बातों की ओर मन लगा; यदि तू उसको अपने मन में रखे, और वे सब तेरे मुँह से निकला भी करें, तो यह मनभावनी बात होगी। मैं ने आज इसलिये ये बातें तुझ को बताई हैं, कि तेरा भरोसा यहोवा पर हो। मैं बहुत दिनों से तेरे हित के उपदेश और ज्ञान की बातें लिखता आया हूँ, कि मैं तुझे सत्य वचनों का निश्‍चय करा दूँ, जिससे जो तुझे काम में लगाएँ, उनको तू सच्‍चा उत्तर दे सके। कंगाल पर इस कारण अन्धेर न करना कि वह कंगाल है, और न दीन जन को कचहरी में पीसना; क्योंकि यहोवा उनका मुक़द्दमा लड़ेगा, और जो लोग उनका धन हर लेते हैं, उनका प्राण भी वह हर लेगा। क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करनेवाले के संग न चलना, कहीं ऐसा न हो कि तू उसकी चाल सीखे, और तेरा प्राण फन्दे में फँस जाए। जो लोग हाथ पर हाथ मारते, और ऋणियों के उत्तरदायी होते हैं, उन में तू न होना। यदि भर देने के लिये तेरे पास कुछ न हो, तो वह क्यों तेरे नीचे से खाट खींच ले जाए? जो सीमा तेरे पुरखाओं ने बाँधी हो, उस पुरानी सीमा को न बढ़ाना। यदि तू ऐसा पुरुष देखे जो काम–काज में निपुण हो, तो वह राजाओं के सम्मुख खड़ा होगा; छोटे लोगों के सम्मुख नहीं।