जो विलम्ब से क्रोध करनेवाला है वह बड़ा समझवाला है, परन्तु जो अधीर है, वह मूढ़ता की बढ़ती करता है। शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियाँ भी जल जाती हैं। जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है। दुष्ट मनुष्य बुराई करता हुआ नष्ट हो जाता है, परन्तु धर्मी को मृत्यु के समय भी शरण मिलती है। समझवाले के मन में बुद्धि वास किए रहती है, परन्तु मूर्खों के अन्त:करण में जो कुछ है वह प्रगट हो जाता है।
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