गिनती 25:1-13

गिनती 25:1-13 HINOVBSI

इस्राएली शित्तीम में रहते थे, और वे लोग मोआबी लड़कियों के संग कुकर्म करने लगे। और जब उन स्त्रियों ने उन लोगों को अपने देवताओं के यज्ञों में नेवता दिया, तब वे लोग खाकर उनके देवताओं को दण्डवत् करने लगे। यों इस्राएली बालपोर देवता को पूजने लगे। तब यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और यहोवा ने मूसा से कहा, “प्रजा के सब प्रधानों को पकड़कर यहोवा के लिये धूप में लटका दे, जिससे मेरा भड़का हुआ कोप इस्राएल के ऊपर से दूर हो जाए।” तब मूसा ने इस्राएली न्यायियों से कहा, “तुम्हारे जो जो आदमी बालपोर के संग मिल गए हैं उन्हें घात करो।” जब इस्राएलियों की सारी मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर रो रही थी, तो एक इस्राएली पुरुष मूसा और सब लोगों की आँखों के सामने एक मिद्यानी स्त्री को अपने साथ अपने भाइयों के पास ले आया। इसे देखकर एलीआज़ार का पुत्र पीनहास, जो हारून याजक का पोता था, उसने मण्डली में से उठकर हाथ में एक बरछी ली, और उस इस्राएली पुरुष के डेरे में जाने के बाद वह भी भीतर गया, और उस पुरुष और उस स्त्री दोनों के पेट में बरछी भेद दी। इस पर इस्राएलियों में जो मरी फैल गई थी वह थम गई। और मरी से चौबीस हज़ार मनुष्य मर गए। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून याजक का पोता एलीआज़ार का पुत्र पीनहास, जिसे इस्राएलियों के बीच मेरी सी जलन उठी, उसने मेरी जलजलाहट को उन पर से यहाँ तक दूर किया है, कि मैं ने जलकर उनका अन्त नहीं कर डाला। इसलिये तू कह दे कि मैं उससे शांति की वाचा बाँधता हूँ; और वह उसके लिये, और उसके बाद उसके वंश के लिये, सदा के याजकपद की वाचा होगी, क्योंकि उसे अपने परमेश्‍वर के लिये जलन उठी, और उसने इस्राएलियों के लिये प्रायश्‍चित्त किया।”