गिनती 22:7-41

गिनती 22:7-41 HINOVBSI

तब मोआबी और मिद्यानी पुरनिये भावी कहने की दक्षिणा लेकर चले, और बिलाम के पास पहुँचकर बालाक की बातें कह सुनाईं। उसने उनसे कहा, “आज रात को यहाँ टिको, और जो बात यहोवा मुझ से कहेगा, उसी के अनुसार मैं तुम को उत्तर दूँगा।” तब मोआब के हाकिम बिलाम के यहाँ ठहर गए। तब परमेश्‍वर ने बिलाम के पास आकर पूछा, “तेरे यहाँ ये पुरुष कौन हैं?” बिलाम ने परमेश्‍वर से कहा, “सिप्पोर के पुत्र मोआब के राजा बालाक ने मेरे पास यह कहला भेजा है, ‘सुन, जो दल मिस्र से निकल आया है उससे भूमि ढँप गई है; इसलिये आकर मेरे लिये उन्हें शाप दे; सम्भव है कि मैं उनसे लड़कर उनको बरबस निकाल सकूँगा’।” परमेश्‍वर ने बिलाम से कहा, “तू इनके संग मत जा; उन लोगों को शाप मत दे, क्योंकि वे आशीष के भागी हो चुके हैं।” भोर को बिलाम ने उठकर बालाक के हाकिमों से कहा, “तुम अपने देश को चले जाओ; क्योंकि यहोवा मुझे तुम्हारे साथ जाने की आज्ञा नहीं देता।” तब मोआबी हाकिम चले गये और बालाक के पास जाकर कहा, “बिलाम ने हमारे साथ आने से मना किया है।” इस पर बालाक ने फिर और हाकिम भेजे, जो पहलों से प्रतिष्‍ठित और गिनती में भी अधिक थे। उन्होंने बिलाम के पास आकर कहा, “सिप्पोर का पुत्र बालाक यों कहता है, ‘मेरे पास आने से किसी कारण मना मत कर; क्योंकि मैं निश्‍चय तेरी बड़ी प्रतिष्‍ठा करूँगा, और जो कुछ तू मुझ से कहे वही मैं करूँगा; इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे’।” बिलाम ने बालाक के कर्मचारियों को उत्तर दिया, “चाहे बालाक अपने घर को सोने–चाँदी से भरकर मुझे दे दे, तौभी मैं अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा को पलट नहीं सकता, कि उसे घटाकर या बढ़ाकर मानूँ। इसलिये अब तुम लोग आज रात को यहीं टिक रहो, ताकि मैं जान लूँ कि यहोवा मुझ से और क्या कहता है।” परमेश्‍वर ने रात को बिलाम के पास आकर कहा, “यदि वे पुरुष तुझे बुलाने आए हैं, तो तू उठकर उनके संग जा; परन्तु जो बात मैं तुझ से कहूँ उसी के अनुसार करना।” तब बिलाम भोर को उठा, और अपनी गदही पर काठी बाँधकर, मोआबी हाकिमों के संग चल पड़ा। और उसके जाने के कारण परमेश्‍वर का कोप भड़क उठा, और यहोवा का दूत उसका विरोध करने के लिये मार्ग रोककर खड़ा हो गया। वह अपनी गदही पर सवार होकर जा रहा था, और उसके संग उसके दो सेवक भी थे। और उस गदही को यहोवा का दूत हाथ में नंगी तलवार लिये हुए मार्ग में खड़ा दिखाई पड़ा; तब गदही मार्ग छोड़कर खेत में चली गई; तब बिलाम ने गदही को मारा कि वह मार्ग पर फिर आ जाए। तब यहोवा का दूत दाख की बारियों के बीच की गली में, जिसके दोनों ओर बारी की दीवार थी, खड़ा हुआ। यहोवा के दूत को देखकर गदही दीवार से ऐसी सट गई कि बिलाम का पाँव दीवार से दब गया; तब उसने उसको फिर मारा। तब यहोवा का दूत आगे बढ़कर एक सकरे स्थान पर खड़ा हुआ, जहाँ न तो दाहिनी ओर हटने की जगह थी और न बाईं ओर। वहाँ यहोवा के दूत को देखकर गदही बिलाम को लिये–दिये बैठ गई; फिर तो बिलाम का कोप भड़क उठा, और उसने गदही को लाठी से मारा। तब यहोवा ने गदही का मुँह खोल दिया, और वह बिलाम से कहने लगी, “मैं ने तेरा क्या किया है कि तू ने मुझे तीन बार मारा?” बिलाम ने गदही से कहा, “यह कि तू ने मुझ से नटखटी की। यदि मेरे हाथ में तलवार होती तो मैं तुझे अभी मार डालता।” गदही ने बिलाम से कहा, “क्या मैं तेरी वही गदही नहीं जिस पर तू जन्म से आज तक चढ़ता आया है? क्या मैं तुझ से कभी ऐसा करती थी?” वह बोला, “नहीं।” तब यहोवा ने बिलाम की आँखें खोलीं, और उसको यहोवा का दूत हाथ में नंगी तलवार लिये हुए मार्ग में खड़ा दिखाई पड़ा; तब वह झुक गया, और मुँह के बल गिरके दण्डवत् की। यहोवा के दूत ने उससे कहा, “तू ने अपनी गदही को तीन बार क्यों मारा? सुन, तेरा विरोध करने को मैं ही आया हूँ, इसलिये कि तू मेरे सामने उलटी चाल चलता है; और यह गदही मुझे देखकर मेरे सामने से तीन बार हट गई। यदि वह मेरे सामने से हट न जाती, तो नि:सन्देह मैं अब तक तुझे तो मार ही डालता, परन्तु उसको जीवित छोड़ देता।” तब बिलाम ने यहोवा के दूत से कहा, “मैं ने पाप किया है; मैं नहीं जानता था कि तू मेरा सामना करने को मार्ग में खड़ा है। इसलिये अब यदि तुझे बुरा लगता है, तो मैं लौट जाता हूँ।” यहोवा के दूत ने बिलाम से कहा, “इन पुरुषों के संग तू चला जा; परन्तु केवल वही बात कहना जो मैं तुझ से कहूँगा।” तब बिलाम बालाक के हाकिमों के संग चला गया। यह सुनकर कि बिलाम आ रहा है, बालाक उससे भेंट करने के लिये मोआब के उस नगर तक जो उस देश की अर्नोनवाली सीमा पर है गया। बालाक ने बिलाम से कहा, “क्या मैं ने बड़ी आशा से तुझे नहीं बुलवा भेजा था? फिर तू मेरे पास क्यों नहीं चला आया? क्या मैं इस योग्य नहीं कि सचमुच तेरी उचित प्रतिष्‍ठा कर सकता?” बिलाम ने बालाक से कहा, “देख, मैं तेरे पास आया तो हूँ! परन्तु अब क्या मैं कुछ कह सकता हूँ? जो बात परमेश्‍वर मेरे मुँह में डालेगा वही बात मैं कहूँगा।” तब बिलाम बालाक के संग संग चला, और वे किर्यथूसोत तक आए। और बालाक ने बैल और भेड़–बकरियों को बलि किया, और बिलाम और उसके साथ के हाकिमों के पास भेजा। भोर को बालाक बिलाम को बाल के ऊँचे स्थानों पर चढ़ा ले गया; और वहाँ से उसको सब इस्राएली लोग दिखाई पड़े।