गिनती 16:4-50

गिनती 16:4-50 HINOVBSI

यह सुनकर मूसा अपने मुँह के बल गिरा; फिर उसने कोरह और उसकी सारी मण्डली से कहा, “सबेरे यहोवा दिखला देगा कि उसका कौन है, और पवित्र कौन है, और उसको अपने समीप बुला लेगा; जिसको वह आप चुन लेगा उसी को अपने समीप बुला भी लेगा। इसलिये, हे कोरह, तुम अपनी सारी मण्डली समेत यह करो, अर्थात् अपना अपना धूपदान ठीक करो; और कल उनमें आग रखकर यहोवा के सामने धूप देना, तब जिसको यहोवा चुन ले वही पवित्र ठहरेगा। हे लेवियो, तुम भी बड़ी बड़ी बातें करते हो, अब बस करो।” फिर मूसा ने कोरह से कहा, “हे लेवियो, सुनो, क्या यह तुम्हें छोटी बात जान पड़ती है कि इस्राएल के परमेश्‍वर ने तुम को इस्राएल की मण्डली से अलग करके अपने निवास की सेवा करने, और मण्डली के सामने खड़े होकर उसकी भी सेवा टहल करने के लिये अपने समीप बुला लिया है; और तुझे और तेरे सब लेवी भाइयों को भी अपने समीप बुला लिया है? फिर भी तुम याजक पद के भी खोजी हो? और इसी कारण तू ने अपनी सारी मण्डली को यहोवा के विरुद्ध इकट्ठी किया है; हारून कौन है कि तुम उस पर बुड़बुड़ाते हो?” फिर मूसा ने एलीआब के पुत्र दातान और अबीराम को बुलवा भेजा; और उन्होंने कहा, “हम तेरे पास नहीं आएँगे। क्या यह एक छोटी बात है कि तू हम को ऐसे देश से जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं इसलिये निकाल लाया है, कि हमें जंगल में मार डाले, फिर क्या तू हमारे ऊपर प्रधान भी बनकर अधिकार जताता है? फिर तू ने हमें ऐसे देश में जहाँ दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं नहीं पहुँचाया, और न हमें खेतों और दाख की बारियों के अधिकारी किया। क्या तू इन लोगों की आँखों में धूल डालेगा? हम तो नहीं आएँगे।” तब मूसा का कोप बहुत भड़क उठा, और उसने यहोवा से कहा, “उन लोगों की भेंट की ओर दृष्‍टि न कर। मैं ने तो उनसे एक गदहा नहीं लिया, और न उनमें से किसी की हानि की है।” तब मूसा ने कोरह से कहा, “कल तू अपनी सारी मण्डली को साथ लेकर हारून के साथ यहोवा के सामने हाज़िर होना; और तुम सब अपना अपना धूपदान लेकर उनमें धूप देना, फिर अपना अपना धूपदान जो सब समेत ढाई सौ होंगे यहोवा के सामने ले जाना; विशेष करके तू और हारून अपना अपना धूपदान ले जाना।” इसलिये उन्होंने अपना अपना धूपदान लेकर और उनमें आग रखकर उन पर धूप डाला; और मूसा और हारून के साथ मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े हुए। और कोरह ने सारी मण्डली को उनके विरुद्ध मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठा कर लिया। तब यहोवा का तेज सारी मण्डली को दिखाई दिया। तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “उस मण्डली के बीच में से अलग हो जाओ कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।” तब वे मुँह के बल गिरके कहने लगे, “हे ईश्‍वर, हे सब प्राणियों के आत्माओं के परमेश्‍वर, क्या एक पुरुष के पाप के कारण तेरा क्रोध सारी मण्डली पर होगा?” यहोवा ने मूसा से कहा, “मण्डली के लोगों से कह कि कोरह, दातान, और अबीराम के तम्बुओं के आसपास से हट जाओ।” तब मूसा उठकर दातान और अबीराम के पास गया; और इस्राएलियों के वृद्ध लोग उसके पीछे पीछे गए। और उस ने मण्डली के लोगों से कहा, “तुम उन दुष्‍ट मनुष्यों के डेरों के पास से हट जाओ, और उनकी कोई वस्तु न छूओ, कहीं ऐसा न हो कि तुम भी उनके सब पापों में फँसकर मिट जाओ।” यह सुन के वे कोरह, दातान और अबीराम के तम्बुओं के आसपास से हट गए; परन्तु दातान और अबीराम निकलकर अपनी पत्नियों, बेटों, और बाल–बच्‍चों समेत अपने अपने डेरे के द्वार पर खड़े हुए। तब मूसा ने कहा, “इस से तुम जान लोगे की यहोवा ने मुझे भेजा है कि यह सब काम करूँ, क्योंकि मैं ने अपनी इच्छा से कुछ नहीं किया। यदि उन मनुष्यों की मृत्यु और सब मनुष्यों के समान हो,और उनका दण्ड सब मनुष्यों के समान हो, तब जानो कि मैं यहोवा का भेजा हुआ नहीं हूँ। परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्‍ति प्रकट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” वह ये सब बातें कह ही चुका था कि भूमि उन लोगों के पाँव के नीचे फट गई; और पृथ्वी ने अपना मुँह खोल दिया और उनका, और उनके घरद्वार का सामान, और कोरह के सब मनुष्यों और उनकी सारी सम्पत्ति को भी निगल लिया। और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्‍ट हो गए। और जितने इस्राएली उनके चारों ओर थे वे उनका चिल्‍लाना सुन यह कहते हुए भागे कि कहीं पृथ्वी हम को भी निगल न ले! तब यहोवा के पास से आग निकली, और उन ढाई सौ धूप चढ़ानेवालों को भस्म कर डाला। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून याजक के पुत्र एलीआज़ार से कह कि उन धूपदानों को आग में से उठा ले; और आग के अंगारों को उधर ही छितरा दे, क्योंकि वे पवित्र हैं। जिन्होंने पाप करके अपने ही प्राणों की हानि की है, उनके धूपदानों के पत्तर पीट पीटकर बनाए जाएँ जिससे कि वह वेदी के मढ़ने के काम आए; क्योंकि उन्होंने यहोवा के सामने रखा था; इससे वे पवित्र हैं। इस प्रकार वह इस्राएलियों के लिये एक निशान ठहरेगा।” इसलिये एलीआज़ार याजक ने उन पीतल के धूपदानों को, जिनमें उन जले हुए मनुष्यों ने धूप चढ़ाया था, लेकर उनके पत्तर पीटकर वेदी के मढ़ने के लिये बनवा दिए, कि इस्राएलियों को इस बात का स्मरण रहे कि कोई दूसरा, जो हारून के वंश का न हो, यहोवा के सामने धूप चढ़ाने को समीप न जाए, ऐसा न हो कि वह भी कोरह और उसकी मण्डली के समान नष्‍ट हो जाए, जैसे कि यहोवा ने मूसा के द्वारा उसको आज्ञा दी थी। दूसरे दिन इस्राएलियों की सारी मण्डली यह कहकर मूसा और हारून पर बुड़बुड़ाने लगी कि यहोवा की प्रजा को तुम ने मार डाला है। और जब मण्डली के लोग मूसा और हारून के विरुद्ध इकट्ठे हो रहे थे, तब उन्होंने मिलापवाले तम्बू की ओर दृष्‍टि की; और देखा कि बादल ने उसे छा लिया है, और यहोवा का तेज दिखाई दे रहा है। तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू के सामने आए, तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “तुम उस मण्डली के लोगों के बीच से हट जाओ कि मैं उन्हें पल भर में भस्म कर डालूँ।” तब वे मुँह के बल गिरे। और मूसा ने हारून से कहा, “धूपदान को लेकर उसमें वेदी पर से आग रखकर उस पर धूप डाल, मण्डली के पास फुर्ती से जाकर उसके लिए प्रायश्‍चित्त कर; क्योंकि यहोवा का कोप अत्यन्त भड़का है, और मरी फैलने लगी है।” मूसा की आज्ञा के अनुसार हारून धूपदान लेकर मण्डली के बीच में दौड़ा गया; और यह देखकर कि लोगों में मरी फैलने लगी है, उसने धूप जलाकर लोगों के लिये प्रायश्‍चित्त किया। और वह मुर्दों और जीवित के मध्य में खड़ा हुआ; तब मरी थम गई। और जो कोरह के संग भागी होकर मर गए थे, उन्हें छोड़ जो लोग इस मरी से मर गए वे चौदह हज़ार सात सौ थे। तब हारून मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मूसा के पास लौट गया, और मरी थम गई।