गिनती 14:1-20

गिनती 14:1-20 HINOVBSI

तब सारी मण्डली चिल्‍ला उठी; और रात भर वे लोग रोते ही रहे। और सब इस्राएली मूसा और हारून पर बुड़बुड़ाने लगे; और सारी मण्डली उनसे कहने लगी, “भला होता कि हम मिस्र ही में मर जाते! या इस जंगल ही में मर जाते! यहोवा हम को उस देश में ले जाकर क्यों तलवार से मरवाना चाहता है? हमारी स्त्रियाँ और बाल–बच्‍चे तो लूट में चले जाएँगे; क्या हमारे लिये अच्छा नहीं कि हम मिस्र देश को लौट जाएँ?” फिर वे आपस में कहने लगे, “आओ, हम किसी को अपना प्रधान बना लें, और मिस्र को लौट चलें।” तब मूसा और हारून इस्राएलियों की सारी मण्डली के सामने मुँह के बल गिरे। और नून का पुत्र यहोशू और यपुन्ने का पुत्र कालिब, जो देश के भेद लेनेवालों में से थे, अपने अपने वस्त्र फाड़कर, इस्राएलियों की सारी मण्डली से कहने लगे, “जिस देश का भेद लेने को हम इधर उधर घूम कर आए हैं, वह अत्यन्त उत्तम देश है। यदि यहोवा हम से प्रसन्न हो, तो हम को उस देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, पहुँचाकर उसे हमें दे देगा। केवल इतना करो कि तुम यहोवा के विरुद्ध बलवा न करो; और न उस देश के लोगों से डरो, क्योंकि वे हमारी रोटी ठहरेंगे; छाया उनके ऊपर से हट गई है, और यहोवा हमारे संग है; उन से न डरो।” तब सारी मण्डली चिल्‍ला उठी कि इन पर पथराव करो। तब यहोवा का तेज मिलापवाले तम्बू में सब इस्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “वे लोग कब तक मेरा तिरस्कार करते रहेंगे? और मेरे सब आश्‍चर्यकर्म देखने पर भी कब तक मुझ पर विश्‍वास न करेंगे? मैं उन्हें मरी से मारूँगा, और उनके निज भाग से उन्हें निकाल दूँगा, और तुझ से एक जाति उत्पन्न करूँगा जो उनसे बड़ी और बलवन्त होगी।” मूसा ने यहोवा से कहा, “तब तो मिस्री जिनके मध्य में से तू अपनी सामर्थ्य दिखाकर उन लोगों को निकाल ले आया है यह सुनेंगे, और इस देश के निवासियों से कहेंगे। उन्होंने तो यह सुना है कि तू जो यहोवा है, इन लोगों के मध्य में रहता है; और प्रत्यक्ष दिखाई देता है, और तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है, और तू दिन को बादल के खम्भे में, और रात को अग्नि के खम्भे में होकर इनके आगे आगे चला करता है। इसलिये यदि तू इन लोगों को एक ही बार में मार डाले, तो जिन जातियों ने तेरी कीर्ति सुनी है वे कहेंगी, कि यहोवा उन लोगों को उस देश में जिसे उसने उन्हें देने की शपथ खाई थी पहुँचा न सका, इस कारण उसने उन्हें जंगल में घात कर डाला है। इसलिये अब प्रभु की सामर्थ्य की महिमा तेरे इस कहने के अनुसार हो, कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करुणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है। अब इन लोगों के अधर्म को अपनी बड़ी करुणा के अनुसार, और जैसे तू मिस्र से लेकर यहाँ तक क्षमा करता रहा है वैसे ही अब भी क्षमा कर दे।” यहोवा ने कहा, “तेरी विनती के अनुसार मैं क्षमा करता हूँ