मरकुस 9:30-37

मरकुस 9:30-37 HINOVBSI

फिर वे वहाँ से चले, और गलील में होकर जा रहे थे। वह नहीं चाहता था कि कोई जाने, क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता और उनसे कहता था, “मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा, और वे उसे मार डालेंगे; और वह मरने के तीन दिन बाद जी उठेगा।” पर यह बात उन की समझ में नहीं आई, और वे उससे पूछने से डरते थे। फिर वे कफरनहूम में आए; और घर में आकर उसने उनसे पूछा, “रास्ते में तुम किस बात पर विवाद कर रहे थे?” वे चुप रहे, क्योंकि मार्ग में उन्होंने आपस में यह वाद–विवाद किया था कि हम में से बड़ा कौन है। तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया और उनसे कहा, “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सबसे छोटा और सब का सेवक बने।” और उसने एक बालक को लेकर उनके बीच में खड़ा किया, और उसे गोद में लेकर उनसे कहा, “जो कोई मेरे नाम से ऐसे बालकों में से किसी एक को भी ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता, वह मुझे नहीं, वरन् मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है।”