मरकुस 8:22-30

मरकुस 8:22-30 HINOVBSI

वे बैतसैदा में आए; और लोग एक अंधे को उसके पास ले आए और उससे विनती की कि उसको छुए। वह उस अंधे का हाथ पकड़कर उसे गाँव के बाहर ले गया, और उसकी आँखों में थूककर उस पर हाथ रखे, और उससे पूछा, “क्या तू कुछ देखता है?” उस ने आँख उठा कर कहा, “मैं मनुष्यों को देखता हूँ; वे मुझे चलते हुए पेड़ों जैसे दिखाई देते हैं।” तब उसने दोबारा उसकी आँखों पर हाथ रखे, और अंधे ने ध्यान से देखा। वह चंगा हो गया, और सब कुछ साफ–साफ देखने लगा। उसने उसे यह कहकर घर भेजा, “इस गाँव के भीतर पाँव भी न रखना।” यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी के गाँवों में चले गए। मार्ग में उसने अपने चेलों से पूछा, “लोग मुझे क्या कहते हैं?” उन्होंने उत्तर दिया, “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला; पर कोई कोई एलिय्याह और कोई कोई भविष्यद्वक्‍ताओं में से एक भी कहते हैं।” उसने उनसे पूछा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने उसको उत्तर दिया, “तू मसीह है।” तब उसने उन्हें चिताकर कहा कि मेरे विषय में यह किसी से न कहना।