दोपहर होने पर सारे देश में अन्धियारा छा गया, और तीसरे पहर तक रहा। तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, “इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी?” जिसका अर्थ यह है, “हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” जो पास खड़े थे, उनमें से कुछ ने यह सुनकर कहा, “देखो, वह एलिय्याह को पुकारता है।” और एक ने दौड़कर स्पंज को सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया और कहा, “ठहर जाओ, देखें, एलिय्याह उसे उतारने के लिये आता है कि नहीं।” तब यीशु ने बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिये। और मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया। जो सूबेदार उसके सामने खड़ा था, जब उसे यूँ चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उसने कहा, “सचमुच यह मनुष्य, परमेश्वर का पुत्र था!” कई स्त्रियाँ भी दूर से देख रही थीं : उन में मरियम मगदलीनी, छोटे याकूब और योसेस की माता मरियम, और सलोमी थीं। जब वह गलील में था तो ये उसके पीछे हो लेती थीं और उसकी सेवाटहल किया करती थीं; और अन्य बहुत सी स्त्रियाँ भी थीं, जो उसके साथ यरूशलेम में आई थीं।
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