मरकुस 14:22-31

मरकुस 14:22-31 HINOVBSI

जब वे खा ही रहे थे, उसने रोटी ली, और आशीष माँगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, “लो, यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उसमें से पीया। और उसने उनसे कहा, “यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊँगा, जब तक परमेश्‍वर के राज्य में नया न पीऊँ।” फिर वे भजन गाकर बाहर जैतून के पहाड़ पर गए। तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब ठोकर खाओगे, क्योंकि लिखा है : ‘मैं रखवाले को मारूँगा, और भेड़ें तितर–बितर हो जाएँगी।’ परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा। ” पतरस ने उससे कहा, “यदि सब ठोकर खाएँ तो खाएँ, पर मैं ठोकर नहीं खाऊँगा।” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही इसी रात को मुर्ग़ के दो बार बाँग देने से पहले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।” पर उसने और भी जोर देकर कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े, तौभी मैं तेरा इन्कार कभी न करूँगा।” इसी प्रकार और सब ने भी कहा।

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