मरकुस 14:1-11

मरकुस 14:1-11 HINOVBSI

दो दिन के बाद फसह और अखमीरी रोटी का पर्व होनेवाला था। प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसे कैसे छल से पकड़ कर मार डालें; परन्तु कहते थे, “पर्व के दिन नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मचे।” जब वह बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा हुआ था, तब एक स्त्री संगमरमर के पात्र में जटामांसी का बहुमूल्य शुद्ध इत्र लेकर आई; और पात्र तोड़ कर इत्र को उसके सिर पर उण्डेला। परन्तु कोई कोई अपने मन में रिसियाकर कहने लगे, “इस इत्र का क्यों सत्यानाश किया गया? क्योंकि यह इत्र तो तीन सौ दीनार से अधिक मूल्य में बेचा जा कर कंगालों में बाँटा जा सकता था।” और वे उसको झिड़कने लगे। यीशु ने कहा, “उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उस ने तो मेरे साथ भलाई की है। कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, और तुम जब चाहो तब उनसे भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा। जो कुछ वह कर सकी, उसने किया; उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहले से मेरी देह पर इत्र मलाकी है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि सारे जगत में जहाँ कहीं सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहाँ उसके इस काम की चर्चा भी उसके स्मरण में की जाएगी।” तब यहूदा इस्करियोती जो बारह में से एक था, प्रधान याजकों के पास गया कि उसे उनके हाथ पकड़वा दे। वे यह सुनकर आनन्दित हुए, और उसको रुपये देना स्वीकार किया; और वह अवसर ढूँढ़ने लगा कि उसे किसी प्रकार पकड़वा दे।

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो मरकुस 14:1-11 से संबंधित हैं