मरकुस 13:24-36

मरकुस 13:24-36 HINOVBSI

“उन दिनों में, उस क्लेश के बाद सूरज अन्धेरा हो जाएगा, और चाँद प्रकाश न देगा; और आकाश से तारागण गिरने लगेंगे; और आकाश की शक्‍तियाँ हिलाई जाएँगी। तब लोग मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों में आते देखेंगे। उस समय वह अपने दूतों को भेजकर, पृथ्वी के इस छोर से आकाश के उस छोर तक, चारों दिशाओं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा। “अंजीर के पेड़ से यह दृष्‍टान्त सीखो : जब उसकी डाली कोमल हो जाती, और पत्ते निकलने लगते हैं; तो तुम जान लेते हो कि ग्रीष्मकाल निकट है। इसी प्रकार जब तुम इन बातों को होते देखो, तो जान लो कि वह निकट है वरन् द्वार ही पर है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जब तक ये सब बातें न हो लेंगी, तब तक ये लोग जाते न रहेंगे। आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी। “उस दिन या उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत और न पुत्र; परन्तु केवल पिता। देखो, जागते और प्रार्थना करते रहो; क्योंकि तुम नहीं जानते कि वह समय कब आएगा। यह उस मनुष्य की सी दशा है, जो परदेश जाते समय अपना घर छोड़ जाए, और अपने दासों को अधिकार दे : और हर एक को उसका काम बता दे, और द्वारपाल को जागते रहने की आज्ञा दे। इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि घर का स्वामी कब आएगा, साँझ को या आधी रात को, या मुर्ग़ के बाँग देने के समय या भोर को। ऐसा न हो कि वह अचानक आकर तुम्हें सोते पाए।