मरकुस 1:1-22

मरकुस 1:1-22 HINOVBSI

परमेश्‍वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ। जैसा यशायाह भविष्यद्वक्‍ता की पुस्तक में लिखा है “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा। जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उसकी सड़कें सीधी करो।” यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मनफिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था। सारे यहूदिया प्रदेश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए, और अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया। यूहन्ना ऊँट के रोम का वस्त्र पहिने और अपनी कमर में चमड़े का कटिबन्ध बाँधे रहता था तथा टिड्डियाँ और वन मधु खाया करता था, और यह प्रचार करता था, “मेरे बाद वह आने वाला है, जो मुझ से शक्‍तिमान है; मैं इस योग्य नहीं कि झुककर उसके जूतों का बन्ध खोलूँ। मैं ने तो तुम्हें जल से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।” उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया। और जब वह जल से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उसने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर के समान अपने ऊपर उतरते देखा। और यह आकाशवाणी हुई, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझ से मैं प्रसन्न हूँ।” तब आत्मा ने तुरन्त उसको जंगल की ओर भेजा। जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उसकी परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा, और स्वर्गदूत उसकी सेवा करते रहे। यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्‍वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार किया, और कहा, “समय पूरा हुआ है, और परमेश्‍वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्‍वास करो।” गलील की झील के किनारे किनारे जाते हुए, उसने शमौन और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुवे थे। यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे आओ; मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊँगा।” वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए। कुछ आगे बढ़कर, उस ने जब्दी के पुत्र याकूब, और उसके भाई यूहन्ना को, नाव पर जालों को सुधारते देखा। उसने तुरन्त उन्हें बुलाया; और वे अपने पिता जब्दी को मजदूरों के साथ नाव पर छोड़कर, उसके पीछे हो लिए। तब वे कफरनहूम में आए, और वह तुरन्त सब्त के दिन आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा। और लोग उसके उपदेश से चकित हुए; क्योंकि वह उन्हें शास्त्रियों के समान नहीं, परन्तु अधिकारी के समान उपदेश देता था।