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मत्ती 9:27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38

मत्ती 9:27 HINOVBSI

जब यीशु वहाँ से आगे बढ़ा, तो दो अंधे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, “हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर!”

मत्ती 9:28 HINOVBSI

जब वह घर में पहुँचा, तो वे अंधे उसके पास आए, और यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्‍वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ, प्रभु!”

मत्ती 9:29 HINOVBSI

तब उसने उनकी आँखें छूकर कहा, “तुम्हारे विश्‍वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो।”

मत्ती 9:30 HINOVBSI

और उनकी आँखें खुल गईं। यीशु ने उन्हें चिताकर कहा, “सावधान, कोई इस बात को न जाने।”

मत्ती 9:31 HINOVBSI

पर उन्होंने निकलकर सारे देश में उसका यश फैला दिया।

मत्ती 9:32 HINOVBSI

जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूँगे को जिसमें दुष्‍टात्मा थी, उसके पास लाए

मत्ती 9:33 HINOVBSI

और जब दुष्‍टात्मा निकाल दी गई, तो गूँगा बोलने लगा। इस पर भीड़ ने अचम्भा करके कहा, “इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया।”

मत्ती 9:34 HINOVBSI

परन्तु फरीसियों ने कहा, “यह तो दुष्‍टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्‍टात्माओं को निकालता है।”

मत्ती 9:35 HINOVBSI

यीशु सब नगरों और गाँवों में फिरता रहा और उनके आराधनालयों में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।

मत्ती 9:36 HINOVBSI

जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।

मत्ती 9:37 HINOVBSI

तब उसने अपने चेलों से कहा, “पके खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं।

मत्ती 9:38 HINOVBSI

इसलिये खेत के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिए मजदूर भेज दे।”