मत्ती 8:23-34

मत्ती 8:23-34 HINOVBSI

जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए। और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढँकने लगी, और वह सो रहा था। तब चेलों ने पास आकर उसे जगाया और कहा, “हे प्रभु, हमें बचा, हम नष्‍ट हुए जाते हैं।” उसने उनसे कहा, “हे अल्पविश्‍वासियो, क्यों डरते हो?” तब उसने उठकर आँधी और पानी को डाँटा, और सब शान्त हो गया। और वे अचम्भा करके कहने लगे, “यह कैसा मनुष्य है कि आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।” जब वह उस पार गदरेनियों के देश में पहुँचा, तो दो मनुष्य जिनमें दुष्‍टात्माएँ थीं कब्रों से निकलते हुए उसे मिले। वे इतने प्रचण्ड थे कि कोई उस मार्ग से जा नहीं सकता था। उन्होंने चिल्‍लाकर कहा, “हे परमेश्‍वर के पुत्र, हमारा तुझ से क्या काम? क्या तू समय से पहले हमें दु:ख देने यहाँ आया है?” उनसे कुछ दूर बहुत से सूअरों का एक झुण्ड चर रहा था। दुष्‍टात्माओं ने उससे यह कहकर विनती की, “यदि तू हमें निकालता है, तो सूअरों के झुण्ड में भेज दे।” उसने उनसे कहा, “जाओ!” और वे निकलकर सूअरों में पैठ गईं और देखो, सारा झुण्ड कड़ाड़े पर से झपटकर पानी में जा पड़ा, और डूब मरा। उनके चरवाहे भागे, और नगर में जाकर ये सब बातें और जिनमें दुष्‍टात्माएँ थीं उनका सारा हाल कह सुनाया। तब सारे नगर के लोग यीशु से भेंट करने को निकल आए, और उसे देखकर विनती की कि हमारी सीमा से बाहर चला जा।

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो मत्ती 8:23-34 से संबंधित हैं