YouVersion Logo
Search Icon

मत्ती 27:57, 58, 59, 60, 61, 62, 63, 64, 65, 66

मत्ती 27:57 HINOVBSI

जब साँझ हुई तो यूसुफ नामक अरिमतिया का एक धनी मनुष्य, जो आप ही यीशु का चेला था, आया।

मत्ती 27:58 HINOVBSI

उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा। इस पर पिलातुस ने दे देने की आज्ञा दी।

मत्ती 27:59 HINOVBSI

यूसुफ ने शव लिया, उसे उज्ज्वल चादर में लपेटा

मत्ती 27:60 HINOVBSI

और उसे अपनी नई कब्र में रखा, जो उसने चट्टान में खुदवाई थी, और कब्र के द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़काकर चला गया।

मत्ती 27:61 HINOVBSI

मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम वहाँ कब्र के सामने बैठी थीं।

मत्ती 27:62 HINOVBSI

दूसरे दिन जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान याजकों और फरीसियों ने पिलातुस के पास इकट्ठे होकर कहा

मत्ती 27:63 HINOVBSI

“हे महाराज, हमें स्मरण है कि उस भरमानेवाले ने जब वह जीवित था, कहा था, ‘मैं तीन दिन के बाद जी उठूँगा।’

मत्ती 27:64 HINOVBSI

अत: आज्ञा दे कि तीसरे दिन तक कब्र की रखवाली की जाए, ऐसा न हो कि उसके चेले आकर उसे चुरा ले जाएँ और लोगों से कहने लगें, ‘वह मरे हुओं में से जी उठा है।’ तब पिछला धोखा पहले से भी बुरा होगा।”

मत्ती 27:65 HINOVBSI

पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम्हारे पास पहरुए तो हैं। जाओ, अपनी समझ के अनुसार रखवाली करो।”

मत्ती 27:66 HINOVBSI

अत: वे पहरुओं को साथ लेकर गए, और पत्थर पर मोहर लगाकर कब्र की रखवाली की।