मत्ती 27:15-31

मत्ती 27:15-31 HINOVBSI

हाकिम की यह रीति थी कि उस पर्व में लोगों के लिये किसी एक बन्दी को जिसे वे चाहते थे, छोड़ देता था। उस समय उनके यहाँ बरअब्बा नामक एक माना हुआ बन्दी था। अत: जब वे इकट्ठा हुए, तो पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम किसको चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये छोड़ दूँ? बरअब्बा को, या यीशु को जो मसीह कहलाता है?” क्योंकि वह जानता था कि उन्होंने उसे डाह से पकड़वाया है। जब वह न्याय की गद्दी पर बैठा हुआ था तो उसकी पत्नी ने उसे कहला भेजा, “तू उस धर्मी के मामले में हाथ न डालना, क्योंकि मैं ने आज स्वप्न में उसके कारण बहुत दु:ख उठाया है।” प्रधान याजकों और पुरनियों ने लोगों को उभारा कि वे बरअब्बा को माँग लें, और यीशु का नाश कराएँ। हाकिम ने उनसे पूछा, “इन दोनों में से किस को चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये छोड़ दूँ?” उन्होंने कहा, “बरअब्बा को।” पिलातुस ने उनसे पूछा, “फिर यीशु को, जो मसीह कहलाता है, क्या करूँ?” सब ने उससे कहा, “वह क्रूस पर चढ़ाया जाए!” हाकिम ने कहा, “क्यों, उसने क्या बुराई की है?” परन्तु वे और भी चिल्‍ला–चिल्‍लाकर कहने लगे, “वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।” जब पिलातुस ने देखा कि कुछ बन नहीं पड़ता परन्तु इसके विपरीत हुल्‍लड़ बढ़ता जाता है, तो उसने पानी लेकर भीड़ के सामने अपने हाथ धोए और कहा, “मैं इस धर्मी के लहू से निर्दोष हूँ; तुम ही जानो।” सब लोगों ने उत्तर दिया, “इसका लहू हम पर और हमारी सन्तान पर हो!” इस पर उसने बरअब्बा को उनके लिये छोड़ दिया, और यीशु को कोड़े लगवाकर सौंप दिया, कि क्रूस पर चढ़ाया जाए। तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चारों ओर इकट्ठी की, और उसके कपड़े उतारकर उसे लाल रंग का बागा पहिनाया, और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे और कहा, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!” और उस पर थूका; और वही सरकण्डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे। जब वे उसका ठट्ठा कर चुके, तो वह बागा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहिनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।