वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। तब उसने उनसे कहा, “मेरा जी बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुँह के बल गिरा, और यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि हो सके तो यह कटोरा मुझ से टल जाए, तौभी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।” फिर उसने चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया और पतरस से कहा, “क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो : आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।” फिर उसने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।” तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं। उन्हें छोड़कर वह फिर चला गया, और उन्हीं शब्दों में फिर तीसरी बार प्रार्थना की। तब उसने चेलों के पास आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो, और विश्राम करो : देखो, घड़ी आ पहुँची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुँचा है।”
वह यह कह ही रहा था कि यहूदा जो बारहों में से एक था आया, और उसके साथ प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़, तलवारें और लाठियाँ लिये हुए आई। उसके पकड़वानेवाले ने उन्हें यह संकेत दिया था : “जिसको मैं चूम लूँ वही है; उसे पकड़ लेना।” और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा, “हे रब्बी, नमस्कार!” और उसको बहुत चूमा। यीशु ने उससे कहा, “हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले।” तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया। यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार म्यान में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं वे सब तलवार से नष्ट किए जाएँगे। क्या तू नहीं जानता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा? परन्तु पवित्रशास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?” उस समय यीशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे डाकू के समान पकड़ने के लिये निकले हो? मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा। परन्तु यह सब इसलिये हुआ है कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन पूरे हों।” तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए।
तब यीशु के पकड़नेवाले उसको काइफा नामक महायाजक के पास ले गए, जहाँ शास्त्री और पुरनिए इकट्ठा हुए थे। पतरस दूर ही दूर उसके पीछे–पीछे महायाजक के आँगन तक गया, और भीतर जाकर अन्त देखने को प्यादों के साथ बैठ गया। प्रधान याजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे