मत्ती 26:30-46

मत्ती 26:30-46 HINOVBSI

फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए। तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम सब आज ही रात को मेरे विषय में ठोकर खाओगे, क्योंकि लिखा है : ‘मैं चरवाहे को मारूँगा, और झुण्ड की भेड़ें तितर–बितर हो जाएँगी।’ परन्तु मैं अपने जी उठने के बाद तुम से पहले गलील को जाऊँगा।” इस पर पतरस ने उससे कहा, “यदि सब तेरे विषय में ठोकर खाएँ तो खाएँ, परन्तु मैं कभी भी ठोकर न खाऊँगा।” यीशु ने उससे कहा, “मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही रात को मुर्ग़ के बाँग देने से पहले, तू तीन बार मुझ से मुकर जाएगा।” पतरस ने उससे कहा, “यदि मुझे तेरे साथ मरना भी पड़े, तौभी मैं तुझसे कभी न मुकरूँगा।” और ऐसा ही सब चेलों ने भी कहा। तब यीशु अपने चेलों के साथ गतसमनी नामक एक स्थान में आया और अपने चेलों से कहने लगा, “यहीं बैठे रहना, जब तक मैं वहाँ जाकर प्रार्थना करूँ।” वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा। तब उसने उनसे कहा, “मेरा जी बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुँह के बल गिरा, और यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि हो सके तो यह कटोरा मुझ से टल जाए, तौभी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो।” फिर उसने चेलों के पास आकर उन्हें सोते पाया और पतरस से कहा, “क्या तुम मेरे साथ एक घड़ी भी न जाग सके? जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो : आत्मा तो तैयार है, परन्तु शरीर दुर्बल है।” फिर उसने दूसरी बार जाकर यह प्रार्थना की, “हे मेरे पिता, यदि यह मेरे पीए बिना नहीं हट सकता तो तेरी इच्छा पूरी हो।” तब उसने आकर उन्हें फिर सोते पाया, क्योंकि उनकी आँखें नींद से भरी थीं। उन्हें छोड़कर वह फिर चला गया, और उन्हीं शब्दों में फिर तीसरी बार प्रार्थना की। तब उसने चेलों के पास आकर उनसे कहा, “अब सोते रहो, और विश्राम करो : देखो, घड़ी आ पहुँची है, और मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। उठो, चलें; देखो, मेरा पकड़वानेवाला निकट आ पहुँचा है।”