मत्ती 24:1-22

मत्ती 24:1-22 HINOVBSI

जब यीशु मन्दिर से निकलकर जा रहा था, तो उसके चेले उसको मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उसके पास आए। उसने उनसे कहा, “तुम यह सब देख रहे हो न! मैं तुम से सच कहता हूँ, यहाँ पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा जो ढाया न जाएगा।” जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने एकान्त में उसके पास आकर कहा, “हमें बता कि ये बातें कब होंगी? तेरे आने का और जगत के अन्त का क्या चिह्न होगा?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए, क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ’, और बहुतों को भरमाएँगे। तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे, तो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा। क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भूकम्प होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी। तब वे क्लेश देने के लिये तुम्हें पकड़वाएँगे, और तुम्हें मार डालेंगे, और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे। तब बहुत से ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे को पकड़वाएँगे, और एक दूसरे से बैर रखेंगे। बहुत से झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएँगे। अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा, परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा। “इसलिये जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानिय्येल भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा हुई थी, पवित्रस्थान में खड़ी हुई देखो (जो पढ़े, वह समझे), तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ। जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे; और जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे। “उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उन के लिये हाय, हाय। प्रार्थना किया करो कि तुम्हें जाड़े में या सब्त के दिन भागना न पड़े। क्योंकि उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ और न कभी होगा। यदि वे दिन घटाए न जाते तो कोई प्राणी न बचता, परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे।