इन बारहों को यीशु ने यह आज्ञा देकर भेजा : “अन्यजातियों की ओर न जाना, और सामरियों के किसी नगर में प्रवेश न करना। परन्तु इस्राएल के घराने ही की खोई हुई भेड़ों के पास जाना। और चलते–चलते यह प्रचार करो : ‘स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।’ बीमारों को चंगा करो, मरे हुओं को जिलाओ, कोढ़ियों को शुद्ध करो, दुष्टात्माओं को निकालो। तुम ने सेंतमेंत पाया है, सेंतमेंत दो। अपने पटुकों में न तो सोना, और न रूपा, और न ताँबा रखना; मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुरते, न जूते और न लाठी लो, क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। “जिस किसी नगर या गाँव में जाओ, तो पता लगाओ कि वहाँ कौन योग्य है। और जब तक वहाँ से न निकलो, उसी के यहाँ रहो। घर में प्रवेश करते हुए उसको आशीष देना। यदि उस घर के लोग योग्य होंगे तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुँचेगा, परन्तु यदि वे योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा। जो कोई तुम्हें ग्रहण न करे और तुम्हारी बातें न सुने, उस घर या उस नगर से निकलते हुए अपने पाँवों की धूल झाड़ डालो।
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