लूका 8:27-39

लूका 8:27-39 HINOVBSI

जब वह किनारे पर उतरा तो उस नगर का एक मनुष्य उसे मिला जिसमें दुष्‍टात्माएँ थीं। वह बहुत दिनों से न कपड़े पहिनता था और न घर में रहता था वरन् कब्रों में रहा करता था। वह यीशु को देखकर चिल्‍लाया और उसके सामने गिरकर ऊँचे शब्द से कहा, “हे परम प्रधान परमेश्‍वर के पुत्र यीशु! मुझे तुझ से क्या काम? मैं तुझ से विनती करता हूँ, मुझे पीड़ा न दे।” क्योंकि वह उस अशुद्ध आत्मा को उस मनुष्य में से निकलने की आज्ञा दे रहा था, इसलिये कि वह उस पर बार बार प्रबल होती थी। यद्यपि लोग उसे साँकलों और बेड़ियों से बाँधते थे तौभी वह बन्धनों को तोड़ डालता था, और दुष्‍टात्मा उसे जंगल में भगाए फिरती थी। यीशु ने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने कहा, “सेना,” क्योंकि बहुत दुष्‍टात्माएँ उसमें पैठ गई थीं। उन्होंने उससे विनती की कि हमें अथाह गड़हे में जाने की आज्ञा न दे। वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था, इसलिये उन्होंने उससे विनती की कि हमें उनमें पैठने दे। उसने उन्हें जाने दिया। तब दुष्‍टात्माएँ उस मनुष्य में से निकलकर सूअरों में गईं और वह झुण्ड कड़ाड़े पर से झपटकर झील में जा गिरा और डूब मरा। चरवाहे यह जो हुआ था देखकर भागे, और नगर में और गाँवों में जाकर उसका समाचार दिया। लोग यह जो हुआ था उसे देखने को निकले, और यीशु के पास आकर जिस मनुष्य से दुष्‍टात्माएँ निकली थीं, उसे यीशु के पाँवों के पास कपड़े पहिने और सचेत बैठे हुए पाकर डर गए; और देखनेवालों ने उनको बताया कि वह दुष्‍टात्मा का सताया हुआ मनुष्य किस प्रकार अच्छा हुआ। तब गिरासेनियों के आसपास के सब लोगों ने यीशु से विनती की कि हमारे यहाँ से चला जा; क्योंकि उन पर बड़ा भय छा गया था। अत: वह नाव पर चढ़कर लौट गया। जिस मनुष्य में से दुष्‍टात्माएँ निकली थीं वह उससे विनती करने लगा कि मुझे अपने साथ रहने दे, परन्तु यीशु ने उसे विदा करके कहा, “अपने घर को लौट जा और लोगों से बता कि परमेश्‍वर ने तेरे लिये कैसे बड़े बड़े काम किए हैं।” वह जाकर सारे नगर में प्रचार करने लगा कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े–बड़े काम किए।

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो लूका 8:27-39 से संबंधित हैं