एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे जो गलील और यूहदिया के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे, और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी। उस समय कई लोग एक मनुष्य को जो लकवे का रोगी था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के सामने रखने का उपाय ढूँढ़ रहे थे। पर जब भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके तो उन्होंने छत पर चढ़ कर और खपरैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के सामने उतार दिया। उसने उनका विश्वास देखकर उससे कहा, “हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए।” तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, “यह कौन है जो परमेश्वर की निन्दा करता है? परमेश्वर को छोड़ और कौन पापों को क्षमा कर सकता है?” यीशु ने उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो? सहज क्या है? क्या यह कहना कि ‘तेरे पाप क्षमा हुए,’ या यह कहना कि ‘उठ और चल फिर’? परन्तु इसलिये कि तुम जानो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” – उसने उस लकवे के रोगी से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।” वह तुरन्त उनके सामने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठाकर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया। तब सब चकित हुए और परमेश्वर की बड़ाई करने लगे और बहुत डरकर कहने लगे, “आज हम ने अनोखी बातें देखी हैं!”
इसके बाद वह बाहर गया और लेवी नामक एक चुंगी लेनेवाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
तब लेवी ने अपने घर में उसके लिये एक बड़ा भोज दिया; और चुंगी लेनेवालों की और अन्य लोगों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे, एक बड़ी भीड़ थी। इस पर फरीसी और उनके शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, “तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते–पीते हो?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये आवश्यक है। मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
उन्होंने उससे कहा, “यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के चेले भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते–पीते हैं।” यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम बरातियों से, जब तक दूल्हा उनके साथ रहे, उपवास करवा सकते हो? परन्तु वे दिन आएँगे, जिनमें दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।”
उसने एक और दृष्टान्त भी उनसे कहा : “कोई मनुष्य नये वस्त्र में से फाड़कर पुराने वस्त्र में पैवन्द नहीं लगाता, नहीं तो नया फट जाएगा और वह पैवन्द पुराने में मेल भी नहीं खाएगा। और कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नष्ट हो जाएँगी। परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरना चाहिये। कोई मनुष्य पुराना दाखरस पीकर नया नहीं चाहता क्योंकि वह कहता है, कि पुराना ही अच्छा है।”