तब वह बाहर निकलकर अपनी रीति के अनुसार जैतून के पहाड़ पर गया, और चेले उसके पीछे हो लिए। उस जगह पहुँचकर उसने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम परीक्षा में न पड़ो।” और वह आप उनसे अलग एक ढेला फेंकने की दूरी भर गया, और घुटने टेककर प्रार्थना करने लगा, “हे पिता, यदि तू चाहे तो इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले, तौभी मेरी नहीं परन्तु तेरी ही इच्छा पूरी हो।” तब स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूँदों के समान भूमि पर गिर रहा था। तब वह प्रार्थना से उठा और अपने चेलों के पास आकर उन्हें उदासी के मारे सोता पाया और उनसे कहा, “क्यों सोते हो? उठो, प्रार्थना करो कि परीक्षा में न पड़ो।”
लूका 22 पढ़िए
सुनें - लूका 22
साझा करें
सभी संस्करणों की तुलना करें: लूका 22:39-46
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो