जब कुछ लोग मन्दिर के विषय में कह रहे थे कि वह कैसे सुन्दर पत्थरों और भेंट की वस्तुओं से सँवारा गया है, तो उसने कहा, “वे दिन आएँगे, जिनमें यह सब जो तुम देखते हो, उनमें से यहाँ किसी पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा जो ढाया न जाएगा।”
उन्होंने उससे पूछा, “हे गुरु, यह सब कब होगा? और ये बातें जब पूरी होने पर होंगी, तो उस समय का क्या चिह्न होगा?” उसने कहा, “चौकस रहो कि भरमाए न जाओ, क्योंकि बहुत से मेरे नाम से आकर कहेंगे, ‘मैं वही हूँ,’ और यह भी कि, ‘समय निकट आ पहुँचा है।’ तुम उनके पीछे न चले जाना। जब तुम लड़ाइयों और बलवों की चर्चा सुनो तो घबरा न जाना, क्योंकि इनका पहले होना अवश्य है; परन्तु उस समय तुरन्त अन्त न होगा।”
तब उसने उनसे कहा, “जाति पर जाति और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और बड़े–बड़े भूकम्प होंगे, और जगह–जगह अकाल और महामारियाँ पड़ेंगी, और आकाश से भयंकर बातें और बड़े–बड़े चिह्न प्रगट होंगे। परन्तु इन सब बातों से पहले वे मेरे नाम के कारण तुम्हें पकड़ेंगे, और सताएँगे, और पंचायतों में सौंपेंगे, और बन्दीगृह में डलवाएँगे, और राजाओं और हाकिमों के सामने ले जाएँगे। पर यह तुम्हारे लिये गवाही देने का अवसर हो जाएगा। इसलिये अपने अपने मन में ठान रखो कि हम पहले से उत्तर देने की चिन्ता न करेंगे।* क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा बोल और बुद्धि दूँगा कि तुम्हारे सब विरोधी सामना या खण्डन न कर सकेंगे। तुम्हारे माता–पिता, और भाई, और कुटुम्ब, और मित्र भी तुम्हें पकड़वाएँगे; यहाँ तक कि तुम में से कुछ को मरवा डालेंगे। मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे। परन्तु तुम्हारे सिर का एक बाल भी बाँका न होगा। अपने धीरज से तुम अपने प्राणों को बचाए रखोगे।
“जब तुम यरूशलेम को सेनाओं से घिरा हुआ देखो, तो जान लेना कि उसका उजड़ जाना निकट है। तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ; और जो यरूशलेम के भीतर हों वे बाहर निकल जाएँ; और जो गाँवों में हों वे उस में न जाएँ। क्योंकि यह बदला लेने के ऐसे दिन होंगे, जिन में लिखी हुई सब बातें पूरी हो जाएँगी। उन दिनों में जो गर्भवती और दूध पिलाती होंगी, उनके लिये हाय, हाय! क्योंकि देश में बड़ा क्लेश और इन लोगों पर बड़ा प्रकोप होगा। वे तलवार के कौर हो जाएँगे, और सब देशों के लोगों में बन्दी होकर पहुँचाए जाएँगे; और जब तक अन्य जातियों का समय पूरा न हो, तब तक यरूशलेम अन्य जातियों से रौंदा जाएगा।