लूका 21:25-36

लूका 21:25-36 HINOVBSI

“सूरज, और चाँद, और तारों में चिह्न दिखाई देंगे; और पृथ्वी पर देश–देश के लोगों को संकट होगा, क्योंकि वे समुद्र के गरजने और लहरों के कोलाहल से घबरा जाएँगे। भय के कारण और संसार पर आनेवाली घटनाओं की बाट देखते–देखते लोगों के जी में जी न रहेगा, क्योंकि आकाश की शक्‍तियाँ हिलाई जाएँगी। तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ्य और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे। जब ये बातें होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा।” उसने उनसे एक दृष्‍टान्त भी कहा : “अंजीर के पेड़ और सब पेड़ों को देखो। ज्योंही उनमें कोंपलें निकलती हैं, तो तुम देखकर आप ही जान लेते हो कि ग्रीष्मकाल निकट है। इसी रीति से जब तुम ये बातें होते देखो, तब जान लो कि परमेश्‍वर का राज्य निकट है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जब तक ये सब बातें न हो लें, तब तक इस पीढ़ी का कदापि अन्त न होगा। आकाश और पृथ्वी टल जाएँगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी। “इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार, और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएँ, और वह दिन तुम पर फन्दे के समान अचानक आ पड़े। क्योंकि वह सारी पृथ्वी के सब रहनेवालों पर इसी प्रकार आ पड़ेगा। इसलिये जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आनेवाली घटनाओं से बचने और मनुष्य के पुत्र के सामने खड़े होने के योग्य बनो।”