लूका 18:15-43

लूका 18:15-43 HINOVBSI

फिर लोग अपने बच्‍चों को भी उसके पास लाने लगे कि वह उन पर हाथ रखे; परन्तु चेलों ने देखकर उन्हें डाँटा। यीशु ने बच्‍चों को पास बुलाकर कहा, “बालकों को मेरे पास आने दो, और उन्हें मना न करो : क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य ऐसों ही का है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई परमेश्‍वर के राज्य को बालक के समान ग्रहण न करेगा वह उसमें कभी प्रवेश करने न पाएगा।” किसी सरदार ने उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक, अर्थात् परमेश्‍वर। तू आज्ञाओं को तो जानता है : ‘व्यभिचार न करना, हत्या न करना, और चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना’।” उसने कहा, “मैं तो इन सब को लड़कपन ही से मानता आया हूँ।” यह सुन यीशु ने उससे कहा, “तुझ में अब भी एक बात की घटी है, अपना सब कुछ बेचकर कंगालों को बाँट दे; और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले।” वह यह सुनकर बहुत उदास हुआ, क्योंकि वह बड़ा धनी था। यीशु ने उसे देखकर कहा, “धनवानों का परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना कितना कठिन है! परमेश्‍वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से, ऊँट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।” इस पर सुननेवालों ने कहा, “तो फिर किसका उद्धार हो सकता है?” उसने कहा, “जो मनुष्य से नहीं हो सकता, वह परमेश्‍वर से हो सकता है।” पतरस ने कहा, “देख, हम तो घर–बार छोड़कर तेरे पीछे हो लिये हैं।” उसने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि ऐसा कोई नहीं जिसने परमेश्‍वर के राज्य के लिए घर,या पत्नी, या भाइयों, या माता–पिता, या बाल–बच्‍चों को छोड़ दिया हो; और इस समय कई गुणा अधिक न पाए और आने वाले युग में अनन्त जीवन।” फिर उसने बारहों को साथ ले जाकर उनसे कहा, “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और जितनी बातें मनुष्य के पुत्र के लिये भविष्यद्वक्‍ताओं के द्वारा लिखी गई हैं, वे सब पूरी होंगी। क्योंकि वह अन्य जातियों के हाथ में सौंपा जाएगा, और वे उसे ठट्ठों में उड़ाएँगे; और उसका अपमान करेंगे, और उस पर थूकेंगे, और उसे कोड़े मारेंगे, और घात करेंगे; और वह तीसरे दिन जी उठेगा।” पर उन्होंने इन बातों में से कोई बात न समझी; और यह बात उनसे छिपी रही, और जो कहा गया था वह उनकी समझ में न आया। जब वह यरीहो के निकट पहुँचा, तो एक अन्धा सड़क के किनारे बैठा हुआ भीख माँग रहा था। वह भीड़ के चलने की आहट सुनकर पूछने लगा, “यह क्या हो रहा है?” उन्होंने उसको बताया, “यीशु नासरी जा रहा है।” तब उसने पुकार के कहा, “हे यीशु, दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर!” जो आगे–आगे जा रहे थे, वे उसे डाँटने लगे कि चुप रहे; परन्तु वह और भी चिल्‍लाने लगा, “हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर!” तब यीशु ने खड़े होकर आज्ञा दी कि उसे मेरे पास लाओ, और जब वह निकट आया तो उसने उससे पूछा, “तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिए करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, यह कि मैं देखने लगूँ।” यीशु ने उससे कहा, “देखने लग; तेरे विश्‍वास ने तुझे अच्छा कर दिया है।” तब वह तुरन्त देखने लगा और परमेश्‍वर की बड़ाई करता हुआ उसके पीछे हो लिया; और सब लोगों ने देखकर परमेश्‍वर की स्तुति की।