फिर उसने कहा, “किसी मनुष्य के दो पुत्र थे। उनमें से छोटे ने पिता से कहा, ‘हे पिता, सम्पत्ति में से जो भाग मेरा हो वह मुझे दे दीजिए।’ उसने उनको अपनी सम्पत्ति बाँट दी। बहुत दिन न बीते थे कि छोटा पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके दूर देश को चला गया, और वहाँ कुकर्म में अपनी सम्पत्ति उड़ा दी। जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया। इसलिये वह उस देश के निवासियों में से एक के यहाँ जा पड़ा। उस ने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा। और वह चाहता था कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे, अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था। जब वह अपने आपे में आया तब कहने लगा, ‘मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहाँ भूखा मर रहा हूँ। मैं अब उठकर अपने पिता के पास जाऊँगा और उससे कहूँगा कि पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है। अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊँ, मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले।’
“तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला : वह अभी दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा। पुत्र ने उससे कहा, ‘पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊँ।’ परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा, ‘झट अच्छे से अच्छा वस्त्र निकालकर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अँगूठी, और पाँवों में जूतियाँ पहिनाओ, और पला हुआ पशु लाकर मारो ताकि हम खाएँ और आनन्द मनाएँ। क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है : खो गया था, अब मिल गया है।’ और वे आनन्द करने लगे।
“परन्तु उसका जेठा पुत्र खेत में था। जब वह आते हुए घर के निकट पहुँचा, तो उसने गाने–बजाने और नाचने का शब्द सुना। अत: उसने एक दास को बुलाकर पूछा, ‘यह क्या हो रहा है?’ उसने उससे कहा, ‘तेरा भाई आया है, और तेरे पिता ने पला हुआ पशु कटवाया है, इसलिये कि उसे भला चँगा पाया है।’
यह सुनकर वह क्रोध से भर गया और भीतर जाना न चाहा, परन्तु उसका पिता बाहर आकर उसे मनाने लगा। उसने पिता को उत्तर दिया, ‘देख, मैं इतने वर्ष से तेरी सेवा कर रहा हूँ और कभी भी तेरी आज्ञा नहीं टाली, तौभी तू ने मुझे कभी एक बकरी का बच्चा भी न दिया कि मैं अपने मित्रों के साथ आनन्द करता। परन्तु जब तेरा यह पुत्र, जिसने तेरी सम्पत्ति वेश्याओं में उड़ा दी है, आया, तो उसके लिये तू ने पला हुआ पशु कटवाया।’ उसने उससे कहा, ‘पुत्र, तू सर्वदा मेरे साथ है; और जो कुछ मेरा है वह सब तेरा ही है।