लूका 13:1-8

लूका 13:1-8 HINOVBSI

उस समय कुछ लोग आ पहुँचे, और उससे उन गलीलियों की चर्चा करने लगे, जिनका लहू पिलातुस ने उन ही के बलिदानों के साथ मिलाया था। यह सुन उसने उनसे उत्तर में यह कहा, “क्या तुम समझते हो कि ये गलीली और सब गलीलियों से अधिक पापी थे कि उन पर ऐसी विपत्ति पड़ी? मैं तुम से कहता हूँ कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी इसी रीति से नष्‍ट होगे। या, क्या तुम समझते हो कि वे अठारह जन जिन पर शीलोह का गुम्मट गिरा, और वे दब कर मर गए : यरूशलेम के और सब रहनेवालों से अधिक अपराधी थे? मैं तुमसे कहता हूँ कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी इसी रीति से नष्‍ट होगे।” फिर उसने यह दृष्‍टान्त भी कहा : “किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था। वह उसमें फल ढूँढ़ने आया, परन्तु न पाया। तब उस ने बारी के रखवाले से कहा, ‘देख, तीन वर्ष से मैं इस अंजीर के पेड़ में फल ढूँढ़ने आता हूँ, परन्तु नहीं पाता। इसे काट डाल कि यह भूमि को भी क्यों रोके रहे?’ उसने उसको उत्तर दिया, ‘हे स्वामी, इसे इस वर्ष और रहने दे कि मैं इसके चारों ओर खोदकर खाद डालूँ।