जब वह बातें कर रहा था तो किसी फरीसी ने उससे विनती की कि मेरे यहाँ भोजन कर। वह भीतर जाकर भोजन करने बैठा। फरीसी को यह देखकर अचम्भा हुआ कि उसने भोजन करने से पहले स्नान नहीं किया। प्रभु ने उससे कहा, “हे फरीसियो, तुम कटोरे और थाली को ऊपर–ऊपर से तो माँजते हो, परन्तु तुम्हारे भीतर अन्धेर और दुष्टता भरी है। हे निर्बुद्धियो, जिसने बाहर का भाग बनाया, क्या उसने भीतर का भाग नहीं बनाया? परन्तु हाँ, भीतरवाली वस्तुओं को दान कर दो, तो देखो, सब कुछ तुम्हारे लिये शुद्ध हो जाएगा।
“पर हे फरीसियो, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का और सब भाँति के साग–पात का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो; चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते। हे फरीसियो, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों में मुख्य–मुख्य आसन और बाजारों में नमस्कार चाहते हो। हाय तुम पर! क्योंकि तुम उन छिपी कब्रों के समान हो, जिन पर लोग चलते हैं परन्तु नहीं जानते।”
तब एक व्यवस्थापक ने उसको उत्तर दिया, “हे गुरु, इन बातों के कहने से तू हमारी निन्दा करता है।” उसने कहा, “हे व्यवस्थापको, तुम पर भी हाय! तुम ऐसे बोझ जिनको उठाना कठिन है, मनुष्यों पर लादते हो परन्तु तुम आप उन बोझों को अपनी एक उँगली से भी नहीं छूते। हाय तुम पर! तुम उन भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें बनाते हो, जिन्हें तुम्हारे ही बाप–दादों ने मार डाला था। अत: तुम गवाह हो, और अपने बाप–दादों के कामों से सहमत हो; क्योंकि उन्होंने उन्हें मार डाला और तुम उनकी कब्रें बनाते हो। इसलिये परमेश्वर की बुद्धि ने भी कहा है, ‘मैं उनके पास भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों को भेजूँगी, और वे उनमें से कुछ को मार डालेंगे, और कुछ को सताएँगे।’ ताकि जितने भविष्यद्वक्ताओं का लहू जगत की उत्पत्ति से बहाया गया है, सब का लेखा इस युग के लोगों से लिया जाए : हाबील की हत्या से लेकर जकरयाह की हत्या तक, जो वेदी और मन्दिर के बीच में घात किया गया। मैं तुम से सच कहता हूँ, इन सब का लेखा इसी समय के लोगों से लिया जाएगा। हाय तुम व्यवस्थापकों पर! तुम ने ज्ञान की कुंजी ले तो ली, परन्तु तुम ने आप ही प्रवेश नहीं किया, और प्रवेश करनेवालों को भी रोक दिया।”