लूका 1:5-17

लूका 1:5-17 HINOVBSI

यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी जिसका नाम इलीशिबा था। वे दोनों परमेश्‍वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे। उनके कोई भी सन्तान न थी, क्योंकि इलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे। जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्‍वर के सामने याजक का काम करता था, तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए। धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी। उस समय प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया। जकरयाह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया। परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकरयाह, भयभीत न हो, क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है; और तेरी पत्नी इलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना। तुझे आनन्द और हर्ष होगा : और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे, क्योंकि वह प्रभु के सामने महान् होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पीएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा; और इस्राएलियों में से बहुतेरों को उनके प्रभु परमेश्‍वर की ओर फेरेगा। वह एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ्य में हो कर उसके आगे आगे चलेगा कि पितरों का मन बाल–बच्‍चों की ओर फेर दे; और आज्ञा न माननेवालों को धर्मियों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे।”

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