लैव्यव्यवस्था 25:23-28

लैव्यव्यवस्था 25:23-28 HINOVBSI

“भूमि सदा के लिये बेची न जाए, क्योंकि भूमि मेरी है; और उसमें तुम परदेशी और बाहरी होगे। लेकिन तुम अपने भाग के सारे देश में भूमि को छुड़ा लेने देना। “यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल होकर अपनी निज भूमि में से कुछ बेच डाले, तो उसके कुटुम्बियों में से जो सबसे निकट हो वह आकर अपने भाईबन्धु के बेचे हुए भाग को छुड़ा ले। यदि किसी मनुष्य के लिये कोई छुड़ानेवाला न हो, और उसके पास इतना धन हो कि आप ही अपने भाग को छुड़ा सके, तो वह उसके बिकने के समय से वर्षों की गिनती करके शेष वर्षों की उपज का दाम उसको, जिसने उसे मोल लिया हो, फेर दे; तब वह अपनी निज भूमि का अधिकारी हो जाए। परन्तु यदि उसके पास इतनी पूंजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली* के वर्ष तक मोल लेनेवालों के हाथ में रहे; और जुबली* के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए।