लैव्यव्यवस्था 15:16-33

लैव्यव्यवस्था 15:16-33 HINOVBSI

“फिर यदि किसी पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाए, तो वह अपने सारे शरीर को जल से धोए, और साँझ तक अशुद्ध रहे। और जिस किसी वस्त्र या चमड़े पर वह वीर्य पड़े वह जल से धोया जाए, और साँझ तक अशुद्ध रहे। जब कोई पुरुष स्त्री से प्रसंग करे, तो वे दोनों जल से स्‍नान करें, और साँझ तक अशुद्ध रहें। “फिर जब कोई स्त्री ऋतुमती रहे, तो वह सात दिन तक अशुद्ध ठहरी रहे, और जो कोई उसको छूए वह साँझ तक अशुद्ध रहे। और जब तक वह अशुद्ध रहे तब तक जिस जिस वस्तु पर वह लेटे, और जिस जिस वस्तु पर वह बैठे वे सब अशुद्ध ठहरें। और जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्‍नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे। और जो कोई किसी वस्तु को छूए जिस पर वह बैठी हो वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्‍नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे। और यदि बिछौने या अन्य किसी वस्तु पर जिस पर वह बैठी हो छूने के समय उसका रुधिर लगा हो, तो छूनेहारा साँझ तक अशुद्ध रहे। और यदि कोई पुरुष उससे प्रसंग करे, और उसका रुधिर उसके लग जाए, तो वह पुरुष सात दिन तक अशुद्ध रहे, और जिस जिस बिछौने पर वह लेटे वे सब अशुद्ध ठहरें। “फिर यदि किसी स्त्री के अपने मासिक धर्म के नियुक्‍त समय से अधिक दिन तक रुधिर बहता रहे, या उस नियुक्‍त समय से अधिक समय तक ऋतुमती रहे, तो जब तक वह ऐसी दशा में रहे तब तक वह अशुद्ध ठहरी रहे। उसके ऋतुमती रहने के सब दिनों में जिस जिस बिछौने पर वह लेटे वे सब उसके मासिक धर्म के बिछौने के समान ठहरें; और जिस जिस वस्तु पर वह बैठे वे भी उसके ऋतुमती रहने के दिनों के समान अशुद्ध ठहरें। और जो कोई उन वस्तुओं को छूए वह अशुद्ध ठहरे, इसलिये वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्‍नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे। पर जब वह स्त्री अपने ऋतुमती से शुद्ध हो जाए, तब से वह सात दिन गिन ले, और उन दिनों के बीतने पर वह शुद्ध ठहरे। फिर आठवें दिन वह दो पंडुक या कबूतरी के दो बच्‍चे लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास जाए। तब याजक एक को पापबलि और दूसरे को होमबलि के लिये चढ़ाए; और याजक उसके लिये उसके मासिक धर्म की अशुद्धता के कारण यहोवा के सामने प्रायश्‍चित्त करे। “इस प्रकार से तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से अलग रखा करो, कहीं ऐसा न हो कि वे यहोवा के निवास को जो उनके बीच में है अशुद्ध करके अपनी अशुद्धता में फँसे हुए मर जाएँ।” जिसके प्रमेह हो और जो पुरुष वीर्य स्खलित होने से अशुद्ध हो; और जो स्त्री ऋतुमती हो; और क्या पुरुष क्या स्त्री, जिस किसी के धातुरोग हो, और जो पुरुष अशुद्ध स्त्री से प्रसंग करे, इन सभों के लिये यही व्यवस्था है।