विलापगीत 3:13-24

विलापगीत 3:13-24 HINOVBSI

उस ने अपने तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है; सब लोग मुझ पर हँसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं, उस ने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्‍त किया है। उस ने मेरे दाँतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढाँप दिया है; और मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; इसलिये मैं ने कहा, “मेरा बल नष्‍ट हुआ, और मेरी आशा जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है।” मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और–और विष का पीना स्मरण कर! मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है। परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसी लिये मुझे आशा है : हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्‍चाई महान् है। मेरे मन ने कहा, “यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूँगा।”