अय्यूब 36:22-33

अय्यूब 36:22-33 HINOVBSI

देख, परमेश्‍वर अपने सामर्थ्य से बड़े बड़े काम करता है, उसके समान शिक्षक कौन है? किसने उसके चलने का मार्ग ठहराया है? और कौन उससे कह सकता है, ‘तू ने अनुचित काम किया है?’ “उसके कामों की महिमा और प्रशंसा करना स्मरण रख, जिसकी प्रशंसा का गीत मनुष्य गाते चले आए हैं। सब मनुष्य उसको ध्यान से देखते आए हैं, और मनुष्य उसे दूर दूर से देखता है। देख, परमेश्‍वर महान् और हमारे ज्ञान से कहीं परे है, और उसके वर्ष की गिनती अनन्त है। क्योंकि वह तो जल की बूंदें ऊपर को खींच लेता है वे कुहरे से मेंह होकर टपकती हैं, वे ऊँचे ऊँचे बादल उँडेलते हैं, और मनुष्यों के ऊपर बहुतायत से बरसाते हैं। फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है? देख, वह अपने उजियाले को चारों ओर फैलाता है, और समुद्र की थाह को ढाँपता है। क्योंकि वह देश देश के लोगों का न्याय इन्हीं से करता है, और भोजनवस्तुएँ बहुतायत से देता है। वह बिजली को अपने हाथों में लेकर उसे आज्ञा देता है कि निशाने पर गिरे। इसकी कड़क उसी का समाचार देती है पशु भी प्रगट करते हैं कि अन्धड़ चढ़ा आता है।