यूहन्ना 4:3-10

यूहन्ना 4:3-10 HINOVBSI

तब वह यहूदिया को छोड़कर फिर गलील को चला, और उसको सामरिया से होकर जाना अवश्य था। इसलिये वह सूखार नामक सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था; और याकूब का कूआँ भी वहीं था। अत: यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएँ पर योंही बैठ गया। यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने आई। यीशु ने उससे कहा, “मुझे पानी पिला।” क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे। उस सामरी स्त्री ने उससे कहा, “तू यहूदी होकर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों माँगता है?” (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते।) यीशु ने उत्तर दिया, “यदि तू परमेश्‍वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझसे कहता है, ‘मुझे पानी पिला,’ तो तू उससे माँगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।”

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