जब सैनिक यीशु को क्रूस पर चढ़ा चुके, तो उसके कपड़े लेकर चार भाग किए, हर सैनिक के लिए एक भाग, और कुरता भी लिया, परन्तु कुरता बिन सीअन ऊपर से नीचे तक बुना हुआ था। इसलिये उन्होंने आपस में कहा, “हम इसको न फाड़ें, परन्तु इस पर चिट्ठी डालें कि यह किसका होगा।” यह इसलिये हुआ कि पवित्रशास्त्र में जो कहा गया वह पूरा हो,
“उन्होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिये
और मेरे वस्त्र पर चिट्ठी डाली।”
अत: सैनिकों ने ऐसा ही किया। यीशु के क्रूस के पास उसकी माता, और उसकी माता की बहिन, क्लोपास की पत्नी मरियम, और मरियम मगदलीनी खड़ी थीं। जब यीशु ने अपनी माता, और उस चेले को जिससे वह प्रेम रखता था पास खड़े देखा तो अपनी माता से कहा, “हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र है।” तब उसने चेले से कहा, “यह तेरी माता है।” और उसी समय से वह चेला उसे अपने घर ले गया।
इसके बाद यीशु ने यह जानकर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका, इसलिये कि पवित्रशास्त्र में जो कहा गया वह पूरा हो, कहा, “मैं प्यासा हूँ।” वहाँ सिरके से भरा हुआ एक बरतन रखा था, अत: उन्होंने सिरके में भिगोए हुए स्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुँह से लगाया। जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा, “पूरा हुआ”; और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए।
इसलिये कि वह तैयारी का दिन था, यहूदियों ने पिलातुस से विनती की कि उनकी टाँगें तोड़ दी जाएँ और वे उतारे जाएँ, ताकि सब्त के दिन वे क्रूसों पर न रहें, क्योंकि वह सब्त का दिन बड़ा दिन था। अत: सैनिकों ने आकर उन मनुष्यों में से पहले की टाँगें तोड़ीं तब दूसरे की भी, जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे; परन्तु जब यीशु के पास आकर देखा कि वह मर चुका है, तो उसकी टाँगें न तोड़ीं। परन्तु सैनिकों में से एक ने बरछे से उसका पंजर बेधा, और उसमें से तुरन्त लहू और पानी निकला। जिसने यह देखा, उसने गवाही दी है, और उसकी गवाही सच्ची है; और वह जानता है कि वह सच कहता है कि तुम भी विश्वास करो। ये बातें इसलिये हुईं कि पवित्रशास्त्र में जो कहा गया वह पूरा हो, “उसकी कोई हड्डी तोड़ी न जाएगी।” फिर एक और स्थान पर यह लिखा है, “जिसे उन्होंने बेधा है, उस पर वे दृष्टि करेंगे।”
इन बातों के बाद अरिमतिया के यूसुफ ने जो यीशु का चेला था, परन्तु यहूदियों के डर से इस बात को छिपाए रखता था, पिलातुस से विनती की कि क्या वह यीशु का शव ले जा सकता है। पिलातुस ने उसकी विनती सुनी, और वह आकर उसका शव ले गया। नीकुदेमुस भी, जो पहले यीशु के पास रात को गया था, पचास सेर के लगभग मिला हुआ गन्धरस और एलवा ले आया। तब उन्होंने यीशु का शव लिया, और यहूदियों के गाड़ने की रीति के अनुसार उसे सुगन्ध द्रव्य के साथ कफन में लपेटा। उस स्थान पर जहाँ यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था, एक बारी थी, और उस बारी में एक नई कब्र थी जिसमें कभी कोई न रखा गया था। इसलिये यहूदियों की तैयारी के दिन के कारण उन्होंने यीशु को उसी में रखा, क्योंकि वह कब्र निकट थी।