यिर्मयाह 7:1-29

यिर्मयाह 7:1-29 HINOVBSI

जो वचन यहोवा की ओर से यिर्मयाह के पास पहुँचा वह यह है : “यहोवा के भवन के फाटक में खड़ा हो, और यह वचन प्रचार कर, और कह, हे सब यहूदियो, तुम जो यहोवा को दण्डवत् करने के लिये इन फाटकों से प्रवेश करते हो, यहोवा का वचन सुनो। सेनाओं का यहोवा जो इस्राएल का परमेश्‍वर है, यों कहता है, अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, तब मैं तुम को इस स्थान में बसे रहने दूँगा। तुम लोग यह कहकर झूठी बातों पर भरोसा मत रखो, ‘यही यहोवा का मन्दिर है; यही यहोवा का मन्दिर, यहोवा का मन्दिर।’ “यदि तुम सचमुच अपनी अपनी चाल और काम सुधारो, और सचमुच मनुष्य मनुष्य के बीच न्याय करो, परदेशी और अनाथ और विधवा पर अन्धेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिससे तुम्हारी हानि होती है, तो मैं तुम को इस नगर में, और इस देश में जो मैं ने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, युग युग के लिये रहने दूँगा। “देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिनसे कुछ लाभ नहीं हो सकता। तुम जो चोरी, हत्या और व्यभिचार करते, झूठी शपथ खाते, बाल देवता के लिये धूप जलाते, और दूसरे देवताओं के पीछे जिन्हें तुम पहले नहीं जानते थे चलते हो, तो क्या यह उचित है कि तुम इस भवन में आओ जो मेरा कहलाता है, और मेरे सामने खड़े होकर यह कहो, ‘हम छूट गए हैं,’ कि ये सब घृणित काम करो? क्या यह भवन जो मेरा कहलाता है, तुम्हारी दृष्‍टि में डाकुओं की गुफा हो गया है? मैं ने स्वयं यह देखा है, यहोवा की यह वाणी है। मेरा जो स्थान शीलो में था, जहाँ मैं ने पहले अपने नाम का निवास ठहराया था, वहाँ जाकर देखो कि मैं ने अपनी प्रजा इस्राएल की बुराई के कारण उसकी क्या दशा कर दी है? अब यहोवा की यह वाणी है, कि तुम जो ये सब काम करते आए हो, और यद्यपि मैं तुम से बड़े यत्न से बातें करता रहा हूँ, तौभी तुम ने नहीं सुना, और तुम्हें बुलाता आया परन्तु तुम नहीं बोले, इसलिये यह भवन जो मेरा कहलाता है, जिस पर तुम भरोसा रखते हो, और यह स्थान जो मैं ने तुम को और तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, इसकी दशा मैं शीलो की सी कर दूँगा। जैसा मैं ने तुम्हारे सब भाइयों को अर्थात् सारे एप्रैमियों को अपने सामने से दूर कर दिया है, वैसा ही तुम को भी दूर कर दूँगा। “इस प्रजा के लिये तू प्रार्थना मत कर, न इन लोगों के लिये ऊँचे स्वर से पुकार न मुझ से विनती कर, क्योंकि मैं तेरी नहीं सुनूँगा। क्या तू नहीं देखता कि ये लोग यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में क्या कर रहे हैं? देख, बाल–बच्‍चे तो ईंधन बटोरते, बाप आग सुलगाते और स्त्रियाँ आटा गूँधती हैं, कि स्वर्ग की रानी के लिए रोटियाँ चढ़ाएँ; और मुझे क्रोधित करने के लिए दूसरे देवताओं के लिये तपावन दें। यहोवा की यह वाणी है, क्या वे मुझी को क्रोध दिलाते हैं? क्या वे अपने ही को नहीं जिससे उनके मुँह पर सियाही छाए? अत: प्रभु यहोवा ने यों कहा है : क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या मैदान के वृक्ष, क्या भूमि की उपज, उन सब पर जो इस स्थान में हैं, मेरे कोप की आग भड़कने पर है; वह नित्य जलती रहेगी और कभी न बुझेगी।” सेनाओं का यहोवा जो इस्राएल का परमेश्‍वर है, यों कहता है : “अपने मेलबलियों के साथ अपने होमबलि भी बढ़ाओ और मांस खाओ। क्योंकि जिस समय मैं ने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश में से निकाला, उस समय मैं ने उन्हें होमबलि और मेलबलि के विषय कुछ आज्ञा न दी थी। परन्तु मैं ने उनको यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्‍वर हूँगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूँ उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा। पर उन्होंने मेरी न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया; वे अपनी ही युक्‍तियों और अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे और पीछे हट गए पर आगे न बढ़े। जिस दिन तुम्हारे पुरखा मिस्र देश से निकले, उस दिन से आज तक मैं तो अपने सारे दासों, भविष्यद्वक्‍ताओं को, तुम्हारे पास बड़े यत्न से लगातार भेजता रहा; परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयाँ की हैं। “तू सब बातें उनसे कहेगा पर वे तेरी न सुनेंगे; तू उनको बुलाएगा, पर वे न बोलेंगे। तब तू उनसे कह देना, ‘यह वही जाति है जो अपने परमेश्‍वर यहोवा की नहीं सुनती, और ताड़ना से भी नहीं मानती; सच्‍चाई नष्‍ट हो गई, और उनके मुँह से दूर हो गई है। “ ‘अपने बाल मुँड़ाकर फेंक दे; मुण्डे टीलों पर चढ़कर विलाप का गीत गा, क्योंकि यहोवा ने इस समय के निवासियों पर क्रोध किया और उन्हें निकम्मा जानकर त्याग दिया है।’

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