यिर्मयाह 42:1-8

यिर्मयाह 42:1-8 HINOVBSI

तब कारेह का पुत्र योहानान, होशायाह का पुत्र याजन्याह, दलों के सब प्रधान और छोटे से लेकर बड़े तक, सब लोग यिर्मयाह भविष्यद्वक्‍ता के निकट आकर कहने लगे, “हमारी विनती ग्रहण करके अपने परमेश्‍वर यहोवा से हम सब बचे हुओं के लिये प्रार्थना कर, क्योंकि तू अपनी आँखों से देख रहा है कि हम जो पहले बहुत थे, अब थोड़े ही बच गए हैं। इसलिये प्रार्थना कर कि तेरा परमेश्‍वर यहोवा हम को बताए कि हम किस मार्ग से चलें, और कौन सा काम करें?” यिर्मयाह भविष्यद्वक्‍ता ने उनसे कहा, “मैं ने तुम्हारी सुनी है; देखो, मैं तुम्हारे वचनों के अनुसार तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना करूँगा और जो उत्तर यहोवा तुम्हारे लिये देगा मैं तुम को बताऊँगा; मैं तुम से कोई बात न छिपाऊँगा।” तब उन्होंने यिर्मयाह से कहा, “यदि तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे द्वारा हमारे पास कोई वचन पहुँचाए और हम उसके अनुसार न करें, तो यहोवा हमारे बीच में सच्‍चा और विश्‍वासयोग्य साक्षी ठहरे। चाहे वह भली बात हो, चाहे बुरी, तौभी हम अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा, जिसके पास हम तुझे भेजते हैं, मानेंगे, क्योंकि जब हम अपने परमेश्‍वर यहोवा की बात मानें तब हमारा भला हो।” दस दिन के बीतने पर यहोवा का वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा। तब उसने कारेह के पुत्र योहानान को, उसके साथ के दलों के प्रधानों को, और छोटे से लेकर बड़े तक जितने लोग थे, उन सभों को बुलाकर उनसे कहा