न्यायियों 6:25-32

न्यायियों 6:25-32 HINOVBSI

फिर उसी रात को यहोवा ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का जवान बैल, अर्थात् दूसरा सात वर्ष का बैल ले, और बाल की जो वेदी तेरे पिता की है उसे गिरा दे, और जो अशेरा देवी उसके पास है उसे काट डाल; और उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से अपने परमेश्‍वर यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दूसरे बैल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी, जो तू काट डालेगा, जलाकर होमबलि चढ़ा।” तब गिदोन ने अपने संग दस दासों को लेकर यहोवा के वचन के अनुसार किया; परन्तु अपने पिता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम दिन को न कर सका, इसलिये रात में किया। नगर के लोग सबेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है। तब वे आपस में कहने लगे, “यह काम किसने किया?” और पूछपाछ और ढूँढ़–ढाँढ़ करके वे कहने लगे, “यह योआश के पुत्र गिदोन का काम है।” तब नगर के मनुष्यों ने योआश से कहा, “अपने पुत्र को बाहर ले आ कि मार डाला जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी को गिरा दिया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला है।” योआश ने उन सभों से जो उसके सामने खड़े हुए थे कहा, “क्या तुम बाल के लिये वाद–विवाद करोगे? क्या तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके लिये वाद–विवाद करे वह मार डाला जाएगा। सबेरे तक ठहरे रहो; तब तक यदि वह परमेश्‍वर हो, तो जिस ने उसकी वेदी गिराई है उससे वह आप ही अपना वाद–विवाद करे।” इसलिये उस दिन गिदोन का नाम यह कहकर यरूब्बाल रखा गया, कि इसने जो बाल की वेदी गिराई है तो इस पर बाल आप वाद–विवाद कर ले।

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