न्यायियों 3:1-11

न्यायियों 3:1-11 HINOVBSI

इस्राएलियों में से जितने कनान में की लड़ाइयों में भागी न हुए थे, उन्हें परखने के लिये यहोवा ने इन जातियों को देश में इसलिये रहने दिया कि पीढ़ी पीढ़ी के इस्राएलियों में से जो लड़ाई को पहले न जानते थे वे सीखें, और जान लें; अर्थात् पाँचों सरदारों समेत पलिश्तियों, और सब कनानियों, और सीदोनियों, और बालहेर्मोन नामक पहाड़ से लेकर हमात की तराई तक लबानोन पर्वत में रहनेवाले हिब्बियों को। ये इसलिये रहने पाए कि इनके द्वारा इस्राएलियों की इस बात में परीक्षा हो, कि जो आज्ञाएँ यहोवा ने मूसा के द्वारा उनके पूर्वजों को दी थीं उन्हें वे मानेंगे या नहीं। इसलिये इस्राएली कनानियों, हित्तियों, एमोरियों, परिज्जियों, हिब्बियों, और यबूसियों के बीच में बस गए; तब वे उनकी बेटियाँ विवाह में लेने लगे, और अपनी बेटियाँ उनके बेटों को विवाह में देने लगे; और उनके देवताओं की भी उपासना करने लगे। इस प्रकार इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्‍टि में बुरा किया, और अपने परमेश्‍वर यहोवा को भूलकर बाल नामक देवताओं और अशेरा नामक देवियों की उपासना करने लग गए। तब यहोवा का क्रोध इस्राएलियों पर भड़का, और उसने उनको अरम्नहरैम के राजा कूशन–रिश्‍आतइम के अधीन कर दिया; इसलिये इस्राएली आठ वर्ष तक कूशन–रिश्‍आतइम के अधीन रहे। तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी, और उसने इस्राएलियों के छुटकारे के लिये कालेब के छोटे भाई कनजी के ओत्नीएल नामक पुत्र को ठहराया, और उसने उनको छुड़ाया। उसमें यहोवा का आत्मा समाया, और वह इस्राएलियों का न्यायी बन गया, और लड़ने को निकला, और यहोवा ने अराम के राजा कूशन–रिश्‍आतइम को उसके हाथ में कर दिया; और वह कूशन–रिश्‍आतइम पर जयवन्त हुआ। तब चालीस वर्ष तक देश में शान्ति बनी रही। तब कनजी का पुत्र ओत्नीएल मर गया।